मृणाल सेन की फिल्म की हीरोइन उत्तरा का 79 साल की उम्र में निधन हो गया
अभिनेत्री उत्तरा बाओकर का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कैंसर की वजह से उन्हें पुणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया गया। उनके निधन से छात्र-छात्राएं व साथी शोकाकुल हैं। उत्तरा टेलीविजन का जाना-पहचाना चेहरा थीं।
कई हिंदी और मराठी फिल्मों में भी काम किया। पर्दे पर काम शुरू करने से पहले उत्तरा ने लंबे समय तक थिएटर किया। उन्होंने कई वर्षों तक अध्यापन भी किया। उन्होंने अपने टेलीविजन करियर की शुरुआत श्याम बेनेगल की 'जात्रा' और गोविंद निहलानी की 'ताम्स' से की थी।
उत्तरा ने मृणाल सेन की 'एक दिन अचानक' में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उत्तरा ने उस फिल्म में एक प्रोफेसर की पत्नी के रूप में दर्शकों का दिल जीत लिया था। 1984 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी से विशेष सम्मान मिला।
वह राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की मेधावी छात्रा थी। उत्तरा बाद में वहां प्रोफेसर के रूप में शामिल हुईं। 'रुक्मावती की हवेली', 'दागी', 'सरदारी बेगम', 'बस्तुपुरुष', 'आजा नचले', 'दूर' जैसी फिल्मों में उत्तरा के अभिनय ने उन्हें विशेष रूप से लोकप्रिय बना दिया।
उत्तरा अभिनीत टेलीविजन शो समान रूप से लोकप्रिय थे। उस लिस्ट में 'उड़ान', 'अंतराल', 'रिश्ते कोरा कागज', 'जस्सी जायसी कोई नया' आदि सीरियल शामिल हैं।
Running Twitter is painful, I think I will sell it, why did Musk suddenly make such a claimराशिफल 13 अप्रैल 2023